Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) 2025

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) 2025: आप सभी को मालूम है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और जहां पर मछली पालन ग्रामीण मैं रहने वाले लोगों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण इनकम का स्रोत है और इसी की वजह से उनका खर्च चलता है और मछली पालन न केवल पोषण की दृष्टि से लाभकारी है बल्कि यह रोजगार भी प्रदान करता है और आय के स्थाई साधन भी प्रदान करता है। इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) 2025 की शुरुआत की है और इसे ऑफिशियल तौर पर 2020 में शुरू कर दिया गया है और इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है मत्स्य उत्पादन में वृद्धि मछुआरों की आय में बढ़ोतरी करना और इकोनॉमी को मजबूत करना। जितने भर मछुआरे हैं इसकी वजह से उनकी इनकम अच्छी होती है क्योंकि ज्यादातर वह पिछड़े वर्ग के होते हैं और उनके पास खाने तक के पैसे नहीं रहते इसीलिए सरकार इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए इस योजना को 2020 में शुरू किया गया है और इस योजना का प्रमुख लाभ मछुआरों को प्राप्त होता है और वह बहुत सारा पैसा इसके माध्यम से कमा पाते हैं।

योजना की शुरुआत

  • लॉन्च तिथि: 10 सितंबर 2020
  • लॉन्च करने वाला विभाग: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (Ministry of Fisheries, Animal Husbandry & Dairying)
  • प्रधानमंत्री: श्री नरेंद्र मोदी
  • योजना अवधि: वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) 2025 का प्रमुख उद्देश्य

  • मछली का उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और रोजगार के अवसर प्रदान होंगे।
  • मछुआरों के आय में भी वृद्धि होगी इसका प्रमुख उद्देश्य यह भी है।
  • मत्स्य पालन को आधुनिक तकनीक से जोड़ना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
  • मछली पालन को आधुनिक तकनीक से जोड़ना।
  • मछली भंडारण और प्रोसेसिंग और तकनीक में विशेष रूप से सुधार करना।
  • मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाना।
  • ज्यादा निर्यात होगी तो ब्लू इकोनामी की सुधार बहुत ज्यादा होगी। मछुआरों में रोजगार के ऑफर लगातार प्रधान होंगे।

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) 2025 का बजट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मत्स्य संप्रदाय योजना में 20050 करोड़ के विशाल बजट के साथ शुरूआत किया है।
इसमें 12340 करोड़ केंद्र प्रायोजित योजना के तहत खर्च किया जाएगा।
7710 करोड़ व्यक्तिगत परियोजनाओं और सब्सिडी और अन्य चीजों के खर्चे में किए जाएंगे।
यह भारत की पहली व्यापक मत्स्य विकास योजना है जो पूरे मत्स्य क्षेत्र में कर करती है तो मछुआरों के लिए एक बहुत बेहतरीन योजना है।

योजना की मुख्य विशेषताएं (Key Features)

क्रमांकविशेषताविवरण
1योजना का नामप्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
2लॉन्च वर्ष2020
3कुल बजट₹20,050 करोड़
4योजना अवधि2020-21 से 2024-25
5मंत्रालयमत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय
6मुख्य उद्देश्यमत्स्य उत्पादन और निर्यात बढ़ाना
7लाभार्थीमछुआरे, मत्स्य किसान, मत्स्य सहकारी समितियाँ
8योजना का प्रकारकेंद्र प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme)

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana में लाभार्थी कौन होंगे?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं को प्राप्त होगा?

व्यक्तिगत मछुआरे और मत्स्य किसानों को ज्यादातर लाभ होगा और उनकी लाइफ बदल जाएगी।
महिला माता से समूह को भी इसका बहुत ज्यादा लाभ होने वाला है, उनकी भी लाइफ बदलने वाली योजना है।
सहकारी समितियो और मत्स्य संघ को भी लाभ होने वाला है।
स्टार्टअप्स और उद्यमी जो मछली पालन व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं उनके लिए यह बहुत बेहतरीन योजना होने वाली है।
राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इसका लाभ बहुत ज्यादा होने वाला है।
अनुसंधान संस्थान और मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र को भी इसका लाभ होने वाला है।

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana में योजना के तहत मिलने वाले लाभ

वित्तीय सहायता मतलब कि मछुआरों और किसानों को तालाब निर्माण करने के लिए और बीज के लिए और जाल के लिए और नाव के लिए और उपकरणों के लिए फाफड़ा प्रदान की जाएगी और यह सबसे बड़ा लाभ होगा।
मछुआरों को दुर्घटना प्राकृतिक आपदाओं में बीमा लाभ भी प्रदान किया जाएगा जिसकी मदद से नुकसान होने पर उनका पूरा कवरेज दिया जाएगा।
मछली भंडारण और प्रोसेसिंग के लिए वित्तीय मदद दी जाती है ताकि नुकसान बहुत कम हो और मछुआरों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।
जली कृषि और बायोफ्लाक्स जैसी तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा नहीं तकनीक के प्रयोग से मछली उत्पादन में बहुत ज्यादा वृद्धि आएगी।

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana का प्रमुख घटक

मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि

नए तालाब का निर्माण योजनाएं इसमें शामिल होंगी।
बीज उत्पादन केंटो का स्थापना किया जाएगा।

मछली संरचना का विकास

कोल्ड चेन और इस प्लांट और मछली बंदरगाह और फीड मिल्स का निर्माण किया जाएगा।

मछली स्वास्थ्य प्रावधान

रोग नियंत्रण और जलीय परिस्थिति तंत्र का सुरक्षा किया जाएगा।

मार्केटिंग और ई गवर्नेंस

ई मार्केटिंग प्लेटफार्म और मछली उत्पादन के लिए आधुनिक नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके माध्यम से मछली बिक्री में परेशानी नहीं होगी।

समुद्री मछली पालन का विकास

समुद्री तत्व और नदियों में मछली पालन के लिए विशेष सहायता मिलेगी।

योजना के अंतर्गत सहायता राशि

श्रेणीसहायता प्रतिशतविवरण
सामान्य वर्ग40%उपकरण, तालाब, बीज आदि पर सहायता
एससी/एसटी/महिला60%सब्सिडी दर अधिक
सरकारी संस्थान100%सरकारी प्रोजेक्ट्स को पूरी सहायता

योजना के अंतर्गत अब तक की उपलब्धियां

  • वर्ष 2024 तक भारत ने मछली उत्पादन में 22% की वृद्धि दर्ज की।
  • निर्यात में 15% की वृद्धि हुई है।
  • 15 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
  • 60,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में नई मत्स्य परियोजनाएं स्थापित की गई हैं।

आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for PMMSY)

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं –
    👉 https://pmmsy.dof.gov.in/
  2. “Apply Online” पर क्लिक करें।
  3. अपनी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का चयन करें।
  4. आवेदन फॉर्म में आवश्यक विवरण भरें।
  5. जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें –
    • पहचान पत्र (Aadhaar Card)
    • बैंक पासबुक
    • मत्स्य लाइसेंस या तालाब स्वामित्व प्रमाण
    • पासपोर्ट साइज फोटो
  6. फॉर्म सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।

आवश्यक दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड
  2. मत्स्य लाइसेंस / रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  3. बैंक पासबुक की कॉपी
  4. पासपोर्ट साइज फोटो
  5. भूमि या तालाब से संबंधित दस्तावेज़
  6. आय प्रमाण पत्र

योजना के लाभ के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • लाभार्थी का बैंक खाता डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से जुड़ा होना चाहिए।
  • आवेदन केवल मान्यता प्राप्त पोर्टल के माध्यम से किया जाए।
  • योजना के चयन पर राज्य सरकार की अनुशंसा पर होगा।

योजना का प्रभाव

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने भारत के मत्स्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।

  • देश के ग्रामीण इलाकों में मत्स्य पालन से नई रोजगार संभावनाएं खुली हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।
  • मछली निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा अर्जन में सुधार हुआ है।
  • ब्लू रेवोल्यूशन 2.0 (Blue Revolution 2.0) को गति मिली है।

भविष्य की दिशा

सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक मत्स्य उत्पादन को 22 मिलियन टन तक पहुंचाया जाए।
साथ ही मछुआरों की आय को दोगुना करने और ब्लू इकोनॉमी के माध्यम से ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना है।

निष्कर्ष

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana के बारे में आपको पूरी जानकारी एक-एक अच्छे तरीके से बता दी गई है और भारत के मछुआरे और मत्स्य किसानों के लिए यह एक ऐतिहासिक योजना होने वाली है और इस योजना का लाभ केवल मत्स्य उत्पादन बढ़ाने वाले को नहीं मछुआरों को नहीं मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा सुधार होगा और मछली पालन व्यवसाय शुरू करना बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा और मछली पालने वालों के लिए स्वर्ण अवसर साबित होगा और ऊपर बताई गई जानकारी मैं आपको किसी भी प्रकार की जानकारी में समस्या होती है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं मेरे द्वारा आपकी पूरी तरह से मदद की जाने वाली है और हमेशा ही कोशिश किया जाता है कि आपको सही जानकारी अच्छे तरीके से प्राप्त हो जाए।

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