Mission for Aatmanirbharta in Pulses: भारत एक कृषि प्रधान देश है और जहां पर दालें लोगों के भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दाल न केवल प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है बल्कि किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पैसा कमाने का फसल के रूप में जानी जाती है लेकिन देश में बढ़ती जनसंख्या और उत्पादन की सीमाओं के कारण भारत को अब दाल के आयात पर निर्भर रहना पड़ रहा है और इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार के द्वारा Mission for Aatmanirbharta in Pulses योजना की शुरुआत की है और इसका मुख्य उद्देश्य है देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना तथा किसानों के आय में वृद्धि करना तो अगर आप भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आर्टिकल को अंतिम तक पढ़े हैं क्योंकि इसमें आपको एक-एक जानकारी अच्छे तरीके से दिया जाने वाला है और सरकार ने इस योजना में क्या-क्या लागू किया है इसके बारे में भी आपको बताया जाएगा तो चलिए और भी जानकारी प्राप्त करते हैं।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses में दालों की भारत में स्थिति
अगर बात किया जाए दाल उत्पादन में भारत का कौन सा स्थान है तो भारत विश्व का सबसे बड़ा डाल उपभोक्ता और उत्पादक देश है और देश में सबसे ज्यादा अरहर की उत्पादन होती है और उड़द दाल की उत्पादन होती है और मूंग दाल की उत्पादन होती है और मसूर की उत्पादन होती है और चना की उत्पादन होती है और यह सभी प्रमुख डाले हैं जो भारत को नंबर वन उपभोक्ता और उत्पादक देश बनती है और फिर भी घरेलू मांग की तुलना में फिर भी उत्पादन कम पड़ जाता है और भारत में हर साल लगभग 25 मिलियन टन दालों की खपत होती है और उत्पादन के बाल 22 मिलियन से लेकर 24 मिलियन टन है और इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार लगातार म्यांमार और कनाडा जैसे देश से दाल आयात करना पड़ता है और इन देशों से लगातार भारत दाल लेती है क्योंकि भारत में पर्याप्त मात्रा में निर्यात नहीं हो पाता।
आत्मनिर्भरता और मिशन की जरूरत!
दालों में आत्मनिर्भरता मिशन और आवश्यकता कई कर्म से महसूस की जाती हैं –
आयात पर निर्भरता काम करना क्योंकि हर साल भारत को अरबो रुपए की दाल दूसरे देश से खरीदना पड़ता है जिससे विदेशी मुद्रा की बहुत ज्यादा नुकसान होती है।
भारत में किसानों की आमदनी बढ़ाना क्योंकि दाल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए फसल चक्र के साथ में संतुलन लाती है जिससे किसान अधिक के लाभ प्राप्त कर सकता है।
खाद्य सुरक्षा और सुनिश्चित करना और विशेष तौर पर आत्मनिर्भरता से देश में डाल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा कीमतों में सुधार करनी होगी।
मिट्टी का और पर्यावरण संरक्षण का विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ेगा क्योंकि दाल फसल नाइट्रोजन फिक्सिंग के जरिए मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखना है जिससे रासायनिक उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती है और इसलिए नाइट्रोजन फिक्सिंग का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिसकी मदद से दाल ज्यादा होगी और मिट्टी की क्वालिटी भी बनी रहेगी।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses की प्रमुख उद्देश्य क्या है?
सरकार ने दालों में आत्मनिर्भरता मिशन के तहत कई ठोस लक्ष्य निर्धारित करने होंगे जो निम्न प्रकार के हैं –
देश में दाल उत्पादन को सबसे ज्यादा बढ़ाना होगा और इस पर प्रमुख रूप से ध्यान रखना पड़ेगा।
कृषि वैज्ञानिक तकनीक का प्रचार करना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि नई तकनीक से ही डाल उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।
उच्च गुणवत्ता वाले बीज का उपलब्धता सुनिश्चित करनी पड़ेगी।
भंडारण और क्षमता में वृद्धि करना पड़ेगा।
किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ेगा और गारंटी देनी पड़ेगी क्योंकि एक फिक्स रेट तय करना बहुत ज्यादा जरूरी है जिसकी वजह से किसानों को खेती करने में बहुत ज्यादा प्रोत्साहित मिलेगा।
नई अनुसंधान परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना पड़ेगा।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses मिशन के तहत प्रमुख योजनाएं
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
इस योजना के तहत दाल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं और किसानों को बीज और उर्वरक और तकनीकी प्रशिक्षण में सहायता प्रदान की जाएगी।
पल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम
दाल के बीजों को नई किस्मों का विकास और विवरण करना पड़ेगा।
अरहर और उड़द और मूंग के उच्च उत्पादकता वाले बीज का इस्तेमाल करना पड़ेगा और बढ़ावा देना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में क्लस्टर अप्रोच
प्रमुख दाल उत्पादन राज्य जैसे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र और राजस्थान और उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में क्लस्टर मॉडल के जरिए उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है उसके लिए एक स्ट्रक्चर तैयार करना पड़ेगा तभी दाल की खेती में वृद्धि होगी।
सिंचाई और मृदा स्वास्थ्य में सुधार योजना
जल संरक्षण तकनीक और जैविक खाद के उपयोग में उत्पादन में वृद्धि करनी पड़ेगी।
उत्पादन में बढ़ोत्तरी के प्रयास
सरकार और किसानों के संयुक्त प्रयासों से दालों का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है।
| वर्ष | दाल उत्पादन (मिलियन टन में) | वृद्धि प्रतिशत |
|---|---|---|
| 2014-15 | 17.15 | – |
| 2018-19 | 23.40 | +36% |
| 2023-24 | 26.20 | +52% |
यह वृद्धि सरकार की योजनाओं और किसानों की मेहनत का परिणाम है, जिससे भारत अब कई दालों में आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच चुका है।
किसानों को लाभ क्या होगा?
MSP न्यूनतम समर्थन मूल के तहत दाल फसलों के दाम में लगातार वृद्धि होती चली जाएगी।
बीज में सब्सिडी दिया जाएगा और प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से किसानों की लागत भी घटाई जाएगी।
कृषि वैज्ञानिक की सहायता से फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में बहुत ज्यादा सुधार होगा जिससे फसल बहुत ज्यादा होगी।
भंडारण केंद्रों और मंडी में बेहतर व्यवस्था से बिक्री की सुविधा उपलब्ध होगी।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses की चुनौतियां
हल्की मिशन के तहत बहुत सारी सफलताएं जरूर मिलेगी लेकिन चुनौतियां भी बहुत सारी हैं?
किसानों में जागरूकता की कमी बहुत ज्यादा है और जागरूक करना सबसे बड़ा चुनौती होगा।
दाल फसलों की उपज मौसम पर अत्यधिक निर्भर होगा।
भंडारण और सुविधाओं की बहुत ज्यादा कमी देखने को मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव का असर देखने को मिल सकता है और यह सबसे बड़ी चुनौती होगी।
सरकार के द्वारा उठाए गए कदम?
2025 तक दाल उत्पादन की क्षमता को 30 मिलियन टन तक पहुंचाने का सरकार का प्रमुख रूप से लक्ष्य है।
Seed Hubs की स्थापना जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना के तहत दाल फसलों को प्राथमिकता सबसे ज्यादा दी जा रही है।
Mission for Aatmanirbharta in Pulses की भविष्य की दिशा
सरकार का उद्देश्य केवल आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं है बल्कि भारत को डाल निर्यातक देश बनाना भी एक प्रमुख रूप से लक्ष्य है।
उत्पादकता को बढ़ाना है।
भंडारण और प्रोसेसिंग क्षमता विकसित करना है।
किसने की तकनीकी प्रशिक्षण देने पर जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
Mission for Aatmanirbharta in Pulses के बारे में आपको पूरी जानकारी बता दी गई है और इस आर्टिकल का प्रमुख रूप से उद्देश्य है की दाल उत्पादक में नंबर एक भारत को बनाना और आत्मनिर्भर मिशन के तहत यह किया जाना है और कृषि अर्थव्यवस्था को सशस्त्र बनाने में सरकार का एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है और भारत में लगातार इस योजना के तहत किसानों को नई तकनीक के बारे में सिखाया जा रहा है और ऊपर बताइए जानकारी में किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं मेरे द्वारा पूरी तरह से आपकी मदद की जाने वाली है।